![Gungune Se Khaab](https://source.boomplaymusic.com/group10/M00/06/21/9f974ebfde0840559cc7e91e03a0ee61_464_464.jpg)
Gungune Se Khaab Lyrics
- Genre:Acoustic
- Year of Release:2022
Lyrics
गुनगुने से
गुनगुने से
ख़ाब रातों में चुपके से झांकें
कुछ तो नए से
थोड़े डरे से
बेअदबी से
छू के गए, इस सर्दी में
गुनगुने से
ख़ाब रातों में चुपके से झांकें
छुअन ऐसी सी, जगी साँसें भी
जगे अरमान भी क़यीं
तड़प ये नयी सी, कसक मीठी सी
चुभन सुइयों के जैसी
ख़ुशबुएँ क़यीं नयी सी हैं
धड़कने डरी थमी सी हैं
ख़ुशबुएँ क़यीं नयी सी हैं
धड़कने डरी थमी सी हैं
क़ाबू से बाहर हैं मेरे
सिलसिले ये
आज अब से अचानक यूँ शुरू हैं
कुछ बहके से
रंगो भरे से
बेअदबी से
छू के गए, इस सर्दी में
गुनगुने से
ख़ाब रातों में चुपके से झांकें
सरद रातों की, उड़ी नींदों में
नए एहसास से जगे
गरम सी छुअन के, नरम रेशम से
शरम नज़रों को ले झुके
रंगतें खिली सुबह सी हैं
चाहतें भरी फ़िज़ा सी हैं
रंगतें खिली सुबह सी हैं
चाहतें भरी फ़िज़ा सी हैं
बरसूँ ये चाहत है मेरी
मनचले से
कुछ नए से ख़याल यूँ रुबरु हुए
कुछ महके से
कुछ दहके से
बेअदबी से
छू के गए, इस सर्दी में
गुनगुने से
मनचले से
सिलसिले ये