Guzra Jo Pal Teri Bahon Mein Lyrics
- Genre:Acoustic
- Year of Release:2024
Lyrics
गुज़रा जो, पल तेरी बाहों में
मुड़ मुड़ के, आना चाहे है
ठहरो तो, ज़िद क्यूँ जाने की
बनने को, कुछ अफ़साने हैं
गुज़रा जो, पल तेरी बाहों में
मुड़ मुड़ के, आना चाहे है
तड़प आग़ोश में भर के तुझे जाँ
सहर बीते यूँ, बीते दोपहर और शाम
खनक कंगन की तेरे रंग रही अरमां
सहर बीते यूँ, बीते दोपहर और शाम
क़सक दिल में उठी
ना कर यूँ जाने की
दरस देखी नहीं
नज़र भर के अभी
इक पल ठहर जा, या रोक दे इस वक़्त कमबख़्त को
बिखरा जो, इतर साँसों में
दिल फिर से, पाना चाहे है
ठहरो तो, ज़िद क्यूँ जाने की
बनने को, कुछ अफ़साने हैं
गुज़रा जो, पल तेरी बाहों में
मुड़ मुड़ के, आना चाहे है
सुनहरी दोपहर से हो गयी शाम
सबर कर लौट के कल आएगी तेरी जाँ
रूपहली साँझ में दिखने लगा है चाँद
सबर रख लौट के फिर आएगी तेरी जाँ
डरीं साँसें मेरी
बहोत देरी हुई
धड़क धड़कन रही
के अब रोको नहीं
इक पल ठहर जा, या रोक दे इस वक़्त कमबख़्त को
रुसवा ना, अपना मिलना हो
अब छोड़ो, जाना, जाने भी दो
ठहरो तो, ज़िद क्यूँ जाने की
बनने दो, कुछ अफ़सानो को
सपना जो, अपनी आँखों में
सचमुच में, सच हो जाने दो