![Kuchh To Baadal](https://source.boomplaymusic.com/group10/M00/06/19/f4c4a946f7dd46eba4f81bab5c340284_464_464.jpg)
Kuchh To Baadal Lyrics
- Genre:Acoustic
- Year of Release:2022
Lyrics
कुछ तो बादल अनमने है
कुछ तो बादल अनमने है, कुछ तो हम भी रूठे से हैं
हर शाम बरसते आँखों से, ये सावन कुछ झूठे से हैं
इश्क़ जुनूँ के चढ़ते, हर बुलंदी भी छोटी थी
ख़ुमारी अब जो उतरी, तो थक के बस बैठे से हैं
भीगा सा दिल, तर बतर मेरी ज़िंदगी सारी
जज़्बात ये कमबख़्त से, फिर भी कुछ सूखे से हैं
अलमारी में क़यीं लिहाफ़, चेहरे पे ओढ़ने को
ख़याल मगर फिर भी अक्सर, उघड़े, कुछ खोटे से हैं
कहने को तो सुकून, ख़ुदगर्ज, सख़्त दिल का है
ताने ये ज़माने के मगर, बेइंतेहा रूखे से हैं
कुछ तो बादल अनमने है, कुछ तो हम भी रूठे से हैं
हर शाम बरसते आँखों से, ये सावन कुछ झूठे से हैं