Lamhe Qaid Hain Lyrics
- Genre:Acoustic
- Year of Release:2024
Lyrics
लम्हे क़ैद हैं आज भी, वक़्त चाहे बरी है
ख़ाबों के बदले आँखों में, यादें भरी हैं
रूबरू आज भी हो, सामने शायद नहीं
दिल ने कल शाम ही, तुम से बातें करी हैं
लम्हे क़ैद हैं आज भी, वक़्त चाहे बरी है
ख़ाबों के बदले आँखों में, यादें भरी हैं
आसमान के ज़रिये कोशिश करता हूँ आज भी
कहने को तुमसे, कितनी बातें अनकही हैं
धड़कने तेज़ हैं आज भी, नब्ज़ चाहे रुकी है
वक़्त बेहतर मलहम है, बेमानी बात है ये
बरसों पुरानी चोटें हैं, जो आज भी हरी हैं
लम्हे क़ैद हैं आज भी, वक़्त चाहे बरी है
सुना हर पल के होते हज़ारों मंज़र हैं
हम तुम शायद किसी मंज़र में तो सही है
फ़लसफ़े झूठ हैं, आशिक़ी, अपने ही दम पे खड़ी है
जी भर के बस, इक पल जीना चाहता हूँ
लंबी उमर जीने की अब हसरत नहीं है
लम्हे क़ैद हैं आज भी..