![KABHEE VO](https://source.boomplaymusic.com/group10/M00/09/11/1cb0d6488d8048729741c68d2dad9f79H3000W3000_464_464.jpg)
KABHEE VO Lyrics
- Genre:Blues
- Year of Release:2024
Lyrics
कभी वो नीले आसमान सी
कभी वो उगते सूरज की लालिमा सी
कभी वो जलती हुई मशाल की तरह
कभी वो चमकते सूरज की तरह
कभी वो शाम की शर्मीली लाली
कभी वो जंगल के हरेपन की तरह।
कभी वो कृष्णचूड़ा की नरम ठंडी आग की तरह
कभी वो राधाचूड़ा के कोमल पीले फूलों सी
कभी वो सरोवर में खिले श्वेत कमल सी
कभी वो सफेद झाग जैसी, समंदर की तरह।
कभी वो नीले आसमान सी
कभी वो उगते सूरज की लालिमा सी
कभी वो जलती हुई मशाल की तरह
कभी वो चमकते सूरज की तरह
कभी वो शाम की शर्मीली लाली
कभी वो जंगल के हरेपन की तरह।
कभी वो अंधेरे में चमकती चाँदनी सी
कभी वो स्याह रात की काली कली सी
कभी वो बारिश के बादलों सी
कभी वो सात रंगों वाले इंद्रधनुष की तरह।
हमेशा रहस्यमयी, जैसे प्रेम का रंग
वो प्रेम ही की तरह,
हर पल बदलती है वो
कभी खामोश, कभी उजली,
कभी सतरंगी, कभी अनजानी।
उसके रंगों में है हर एहसास
जैसे प्रेम का अटूट विश्वास
वो रहस्यमय, सजीव,
प्रेम के अनंत रंगों में डूबी….