![KYA KABHEE](https://source.boomplaymusic.com/group10/M00/08/13/0b3eee50839f4db9b69f9c18dc6c70cbH3000W3000_464_464.jpg)
KYA KABHEE Lyrics
- Genre:Folk
- Year of Release:2024
Lyrics
क्या कभी दिन में बादल
इतनी दूर जाते,
अगर आसमान न बुलाता,
इसीलिए कहता हूँ,
कोई बाँसुरी की
धुन तलाश पाती,
अगर किसी के पायल न होते।
क्या कभी दिन में बादल
इतनी दूर जाते,
अगर आसमान न बुलाता,
कोई बाँसुरी की
धुन तलाश पाती,
अगर किसी के पायल न होते।
कभी बग़ीचे में आकर
फूलों की खुशबू ली,
तुमने हवा के स्पर्श के बिना
नहीं समझी,
कौन उसकी कदर ले आता,
और उसे दिल में रखता,
क्या खुशबू वाली केतकी,
अगर यह हवा उसे न रखती।
कभी बग़ीचे में आकर
फूलों की खुशबू ली,
तुमने हवा के स्पर्श के
बिना नहीं समझी,
कौन उसकी कदर ले आता,
और उसे दिल में रखता।
पहाड़ों के इतने रास्ते,
इतनी रुकावटें पार कर के,
क्या नदी कहीं चलती,
अगर लहरों के बाज़ू में
मोहना की दावत न होती।
]
इसीलिए मैंने जाना,
नई धुन क्यों दिल में आई,