![BOLANA KYA SUR](https://source.boomplaymusic.com/group10/M00/08/13/0b3eee50839f4db9b69f9c18dc6c70cbH3000W3000_464_464.jpg)
BOLANA KYA SUR Lyrics
- Genre:Folk
- Year of Release:2024
Lyrics
बोलना क्या सुर बांसुरी साधे
कल गई पूर्णिमा
आज टूटने लगे है चांद
फिर से शुरू हुआ रुत का काफिला
टूटा मन ढूंढता सारा
टूटा टूटा मिल
बुजदिल प्यार मरण-हया में
याद की वीणा लेकर रोता है
बिस्तर की मायादीप मद्धम मद्धम है
दुल्हन से जुदा मधुर रात वैसे ही गुजरे
वो जैसे हार गिरा फूलों की लरज
उदास धारा के सीने में लहरों का सपना
वो जैसे आह राही परिंदा
टूटने के खेल में आशियाना बांधता है
वो जैसे आह राही परिंदा
टूटने के खेल में आशियाना बांधता है
बसरे की रात में
धुंधली धुंधली रौशनी
फूलों की खुशबू में
बसी है तेरी यादें
मधुरिम सपनों में
खोए हैं हम आज भी
बिस्तर की मायादीप मद्धम मद्धम है
दुल्हन से जुदा मधुर रात
वैसे ही गुजरे
वो जैसे हार गिरा फूलों की लरज
उदास धारा के सीने में लहरों का सपना
वो जैसे आह राही परिंदा
टूटने के खेल में
आशियाना बांधता है
टूटने के खेल में आशियाना बांधता है
वो जैसे आह राही परिंदा
टूटने के खेल में आशियाना बांधता है
आशियाना बांधता है आशियाना बांधता है