![LUPT HAIN VO](https://source.boomplaymusic.com/group10/M00/08/02/88c8b7e4e1cf4f3b9136887e0d9e541aH3000W3000_464_464.jpg)
LUPT HAIN VO Lyrics
- Genre:Pop
- Year of Release:2024
Lyrics
लुप्त हैं वो तारे रोशनी में, रखते हैं जो शबनम की छाया मेरी आँखों में,
खोई हुई खुशबू में खामोशी से कांपती है मेरी फूल की राहें.
तुम नहीं भूले मुझे, गाती है मेरी वीणा,
तुम जानना चाहते हो – क्या तुम भूले हो मुझे?
मिलने में और जुदाई में लहरें और खेल, तुम्हारी कश्ती चलती है
मेरे फूलों के बाग में तन्हाई, (तुम्हारा) आना जाना हमेशा.
लगन चली गई, गई वो हार के फूल झड़ गए।
दर्द की अंधेरी रात के नाम से आँखों के दो किनारे भर गए.
तुम्हारी छुपी हुई राह देखते हुए वक्त गुजर गया,
जान ले के खेल रहा है ये बेरहम खेल,
तुम भूल गए मुझे, मैं तुम्हें भूलने में गलती करता हूँ.
चाँद के सपनों में आँखों में जागती है रात की खुशबू,
जुदाई की जमीन पर चलती है खुशबू की नहर।
मैं अकेला सपनों की कश्ती लिए अनंत आकाश में –
मिट्टी की धरती गिरती है यहाँ मिट्टी में रहेगी'
कैसे बेरहम प्रिये – कहो तुम्हारे कदमों की जड़ पकड़ कर