Rotiyaan ft. praosh Lyrics
- Genre:Hip Hop & Rap
- Year of Release:2023
Lyrics
०२
रोटियां
जब आदमी के पेट में आती हैं रोटियां
फूली नहीं बदन में समाती हैं रोटियां
आंखें परीरुखों से लड़ाती हैं रोटियां
सीने ऊपर भी हाथ चलाती है रोटियां
रोटी से जिनका नाम तलक पेट है भरा
करता फिरे है क्या वह उछल कूद जा बजा
दीवार फ़ांद कर कोई कोठा उछल गया
ठट्टा हंसी शराब, सनम साक़ी, उस सिवा
जिस जा पे हांडी, चूल्हा तवा और तनूर है
ख़ालिक की कुदरतों का उसी जा ज़हूर है
चूल्हे के आगे आंच जो जलती हुजूर है
जितने हैं नूर सब में यही ख़ास नूर है
आवे तवे तनूर का जिस जा जुबां पे नाम
या चक्की चूल्हे के जहां गुलज़ार हो तमाम
वां सर झुका के कीजे दण्डवत और सलाम
इस वास्ते कि ख़ास ये रोटी के हैं मुकाम
पहले इन्हीं मकानों में आती हैं रोटियां
पहले इन्हीं मकानों में आती हैं रोटियां
पहले इन्हीं मकानों में आती हैं रोटियां
पहले इन्हीं मकानों में आती हैं रोटियां
इन रोटियों के नूर से सब दिल हैं पूर पूर
आटा नहीं है छलनी से छन-छन गिरे है नूर
पेड़ा हर एक उसका है बर्फ़ी या मोती चूर
हरगिज़ किसी तरह न बुझे पेट का तनूर
रोटी जब आई पेट में सौ क़न्द घुल गए
गुलज़ार फूले आंखों में और ऐश तुल गए
दो तर निवाले पेट में जब आके ढुल गए
चौदह तबक़ के जितने थे सब भेद खुल गए
रोटी न पेट में हो तो फिर कुछ जतन न हो
मेले की सैर ख़्वाहिशे बागो चमन न हो
भूके ग़रीब दिल की खु़दा से लगन न हो
सच है कहा किसी ने कि भूके भजन न हो
अब जिनके आगे माल पुए भर के थाल हैं
पूरे भगत उन्हें कहो, साहब के लाल हैं
और जिनके आगे रोग़नी और शीरमाल है
आरिफ़ वही है और वही साहिब कमाल है
पक्की पकाई अब जिन्हें आती हैं रोटियां
पक्की पकाई अब जिन्हें आती हैं रोटियां
पक्की पकाई अब जिन्हें आती हैं रोटियां
पक्की पकाई अब जिन्हें आती हैं रोटियां
कपड़े किसी के लाल हैं रोटी के वास्ते
लम्बे किसी के बाल हैं रोटी के वास्ते
बांधे कोई रुमाल हैं रोटी के वास्ते
सब कश्फ़ और कमाल हैं रोटी के वास्ते
दुनियां में अब बदी न कहीं और निकोई है
ना दुश्मनी न दोस्ती ना तुन्दखोई है
कोई किसी का, और किसी का न कोई है
सब कोई है उसी का कि जिस हाथ ढोई है
अशराफ़ों ने जो अपनी यह ज़ातें छुपाई हैं
सच पूछिये, तो अपनी यह शानें बढ़ाई हैं
कहिये उन्हीं की रोटियां कि किसने खाई हैं
अशराफ़ सब में कहिए, तो अब नान बाई हैं
भटियारियां कहावे न अब क्योंकि रानियां
मेहतर ख़सम हैं उनके वह हैं मेहतरानियां
जातों में जितने और हैं क़िस्से कहानियां
सबमें उन्हीं की ज़ात की ऊंची हैं बानियां
किस वास्ते कि सब यह पकाती हैं रोटियां
किस वास्ते कि सब यह पकाती हैं रोटियां
किस वास्ते कि सब यह पकाती हैं रोटियां
किस वास्ते कि सब यह पकाती हैं रोटियां
********