Khushaamad ft. praosh Lyrics
- Genre:Hip Hop & Rap
- Year of Release:2023
Lyrics
०५
खुशामद
दिल ख़ुशामद से हर इक शख़्स का क्या राज़ी है
आदमी जिन परी ओ भूत बला राज़ी है
भाई फ़रज़ंद भी ख़ुश बाप चचा राज़ी है
शाद मसरूर ग़नी शाह ओ गदा राज़ी है
पीने और पहनने खाने की ख़ुशामद कीजे
हिजड़े ओ भाँड ज़नाने की ख़ुशामद कीजे
मस्त ओ हुशियार दिवाने की ख़ुशामद कीजे
भोले नादान सियाने की ख़ुशामद कीजे
अपना मतलब हो तो मतलब की ख़ुशामद कीजे
और न हो काम तो उस ढब की ख़ुशामद कीजे
औलिया अंबिया और रब की ख़ुशामद कीजे
अपने मक़्दूर ग़रज़ सब की ख़ुशामद कीजे
प्यार से जोड़ दिए जिस की तरफ़ हाथ जो आह
वहीं ख़ुश हो गया करते ही वो हाथों पे निगाह
ग़ौर से हम ने जो इस बात को देखा वल्लाह
कुछ ख़ुशामद ही बड़ी चीज़ है अल्लाह अल्लाह
ग़ौर से हम ने जो इस बात को देखा वल्लाह
कुछ ख़ुशामद ही बड़ी चीज़ है अल्लाह अल्लाह
ग़ौर से हम ने जो इस बात को देखा वल्लाह
कुछ ख़ुशामद ही बड़ी चीज़ है अल्लाह अल्लाह
ग़ौर से हम ने जो इस बात को देखा वल्लाह
कुछ ख़ुशामद ही बड़ी चीज़ है अल्लाह अल्लाह
ग़ौर से हम ने जो इस बात को देखा वल्लाह
कुछ ख़ुशामद ही बड़ी चीज़ है अल्लाह अल्लाह
चार दिन जिस को किया झुक के ख़ुशामद से सलाम
वो भी ख़ुश हो गया अपना भी हुआ काम में काम
बड़े आक़िल बड़े दाना ने निकाला है ये दाम
ख़ूब देखा तो ख़ुशामद ही की आमद है तमाम
पीने और पहनने खाने की ख़ुशामद कीजे
हिजड़े औ भाँड, ज़नाने की ख़ुशामद कीजे
मस्त ओ हुशियार दिवाने की ख़ुशामद कीजे
भोले नादान सियाने की ख़ुशामद कीजे
गर भला हो तो भले की भी ख़ुशामद कीजे
और बुरा हो तो बुरे की भी ख़ुशामद कीजे
पाक, नापाक सड़े की भी ख़ुशामद कीजे
कुत्ते बिल्ली ओ गधे की भी ख़ुशामद कीजे
ख़ूब देखा तो ख़ुशामद की बड़ी खेती है
ग़ैर की अपने ही घर बीच ये सुख देती है
माँ ख़ुशामद के सबब छाती लगा लेती है
नानी दादी भी ख़ुशामद से दुआ देती है
माँ ख़ुशामद के सबब छाती लगा लेती है
नानी दादी भी ख़ुशामद से दुआ देती है
माँ ख़ुशामद के सबब छाती लगा लेती है
नानी दादी भी ख़ुशामद से दुआ देती है
माँ ख़ुशामद के सबब छाती लगा लेती है
नानी दादी भी ख़ुशामद से दुआ देती है
माँ ख़ुशामद के सबब छाती लगा लेती है
नानी दादी भी ख़ुशामद से दुआ देती है
गर न मीठी हो तो कड़वी भी ख़ुशामद कीजे
कुछ न हो पास तो ख़ाली भी ख़ुशामद कीजे
जानी दुश्मन हो तो उस की भी ख़ुशामद कीजे
सच अगर पूछो तो झूटी ही ख़ुशामद कीजे
आ पड़ा है जो ख़ुशामद से सरोकार उसे
ढूँडते फिरते हैं उल्फ़त के ख़रीदार उसे
आश्ना मिलते हैं और चाहे हैं सब यार उसे
अपने बेगाने ग़रज़ करते हैं सब प्यार उसे
बी-बी कहती है मियाँ आ तिरे सदक़े जाऊँ
सास बोले कहीं मत जा तिरे सदक़े जाऊँ
ख़ाला कहती है कि कुछ खा तिरे सदक़े जाऊँ
साली कहती है कि भय्या तिरे सदक़े जाऊँ
कौड़ी पैसे ओ टके ज़र की ख़ुशामद कीजे
और जो शैतान हो उसकी भी ख़ुशामद कीजे
गर वली हो तो वली की भी ख़ुशामद कीजे
और जो पत्थर हो तो पत्थर की ख़ुशामद कीजे
गर वली हो तो वली की भी ख़ुशामद कीजे
और जो पत्थर हो तो पत्थर की ख़ुशामद कीजे
गर वली हो तो वली की भी ख़ुशामद कीजे
और जो पत्थर हो तो पत्थर की ख़ुशामद कीजे
गर वली हो तो वली की भी ख़ुशामद कीजे
और जो पत्थर हो तो पत्थर की ख़ुशामद कीजे
गर वली हो तो वली की भी ख़ुशामद कीजे
और जो पत्थर हो तो पत्थर की ख़ुशामद कीजे
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