
Rimjhim Gire Sawan Lyrics
- Genre:World Music/Folklore
- Year of Release:2024
Lyrics
रिमझिम गिरे सावन सुलग सुलग जाए मन
भीगी भीगी रातों में जले जले अरमां
तुमसे मिलने की चाहत दिल में उठी है फिर से
सपनों की इन गलियों में भटक रहे हैं हम अब भी
तेरे प्यार की खुशबू हवाओं में घुल जाए
दिल की हर धड़कन में तेरा नाम गूंज जाए।
रिमझिम गिरे सावन सुलग सुलग जाए मन
भीगी भीगी रातों में जले जले अरमां
तुम्हारी यादें बरसें इन आँखों की फुहारों में
मेरे दिल की बंजारों में तेरा बसेरा हो जैसे
हर रात का चांदनी तुझसे रोशन हो जाए
इस दिल के हर कोने में तेरा ही बसेरा हो जाए।
रिमझिम गिरे सावन सुलग सुलग जाए मन
भीगी भीगी रातों में जले जले अरमां
तेरी बातें सुन सुन के ये रातें कट जाती हैं
तेरे बिना हर सुबह वीरान सी हो जाती है
मिलन की आस लिए ये दिल तड़पता रहे
प्यार के इस मौसम में बस तेरा ही इंतजार रहे।
रिमझिम गिरे सावन सुलग सुलग जाए मन
भीगी भीगी रातों में जले जले अरमां।