
Khab sab khab hain (Ballad) Lyrics
- Genre:Rock
- Year of Release:2024
Lyrics
ख़ाब सब ख़ाब हैं आँखों में बिखरे हुए
मेरे दिल के कोने कोने तक
छितरे हुए...
वह अब कहाँ बाक़ी रहा???
जो था मुझमें...
मैं अब कहाँ ढूँढू उसे????
जो था तुझमें...
वह अब कहाँ बाक़ी रहा???
जो था मुझमें...
मैं अब कहाँ ढूँढू उसे????
जो था तुझमें...
ख़ाब सब ख़ाब हैं आँखों में बिखरे हुए
मेरे दिल के कोने कोने तक
छितरे हुए...
भीगी भीगी थी ये ज़मीं
सूखे पाँव थे...
जलते बुझते तेरे दिए
पुराने घाव थे...
भीगी भीगी थी ये ज़मीं
सूखे पाँव थे...
जलते बुझते तेरे दिए
पुराने घाव थे...
ख़ाब सब ख़ाब हैं आँखों में बिखरे हुए
मेरे दिल के कोने कोने तक
छितरे हुए...
जुगनू इन दो आँखों में
तिरने लगे हैं...
मुझे चिन्गारियों से
चुभने लगे हैं...
जुगनू इन दो आँखों में
तिरने लगे हैं...
मुझे चिन्गारियों से
चुभने लगे हैं...
ख़ाब सब ख़ाब हैं आँखों में बिखरे हुए
मेरे दिल के कोने कोने तक
छितरे हुए...
बुझते हुए दिए को
जलाऊँ कैसे...
दबी हसरतों को
बुझाऊँ कैसे...
वह अब कहाँ बाक़ी रहा???
जो था मुझमें...
मैं अब कहाँ ढूँढू उसे????
जो था तुझमें...
ख़ाब सब ख़ाब हैं आँखों में बिखरे हुए
मेरे दिल के कोने कोने तक
छितरे हुए...