
Khab sab khab hain Lyrics
- Genre:Pop
- Year of Release:2024
Lyrics
ख़ाब सब ख़ाब हैं आँखों में बिखरे हुए
दिल के कोने-कोने तक छितरे हुए
वह अब कहाँ बाक़ी? जो था मुझमें
मैं अब कहाँ ढूँढू? जो था तुझमें
वह अब कहाँ बाक़ी? जो था मुझमें
मैं अब कहाँ ढूँढू? जो था तुझमें
ख़ाब सब ख़ाब हैं आँखों में बिखरे हुए
दिल के कोने-कोने तक छितरे हुए
भीगी-भीगी थी ज़मीं – सूखे पाँव थे
जलते-बुझते पुराने घाव थे
भीगी-भीगी थी ज़मीं – सूखे पाँव थे
जलते-बुझते पुराने घाव थे
दिल के कोने-कोने तक छितरे हुए
ख़ाब सब ख़ाब हैं आँखों में बिखरे हुए
जुगनू दो आँखों में – तिरने लगे हैं
चिन्गारियों-से – चुभने लगे हैं
जुगनू दो आँखों में – तिरने लगे हैं
चिन्गारियों-से – चुभने लगे हैं
ख़ाब सब ख़ाब हैं आँखों में बिखरे हुए
दिल के कोने-कोने तक छितरे हुए
बुझते हुए दिए को – जलाऊँ कैसे
दबी हसरतों को – बुझाऊँ कैसे
बुझते हुए दिए को – जलाऊँ कैसे
दबी हसरतों को – बुझाऊँ कैसे
ख़ाब सब ख़ाब हैं आँखों में बिखरे हुए
दिल के कोने-कोने तक छितरे हुए