Baadalon Ke Neeche (Reprise) Lyrics
- Genre:Alternative
- Year of Release:2024
Lyrics
ये बादलों के नीचे मैं बैठा सोचता हूँ
कि ये आते कहाँ से हैं, जाते कहाँ पे हैं
मौसम बदलते हैं, रंग बदलते हैं
बदल जाती है ज़िन्दगी
बारिश की बूँदें और पत्ते जो झड़तें हैं
थमते नहीं, जैसे ख़ुशी
ये बादलों के नीचे मैं बैठा सोचता हूँ
के इन लम्हों को रोकूं, या फ़िर फ़िसलने दूँ
ये बादलों के नीचे मैं बैठा सोचता हूँ
कि क्या है उस पार, जो ये छुपातें हैं
वो हस्ते और रोते, झगड़ते संभलते
और बातें जो थी अनकहीं
वो रातों में जगकर उन राहों पे चलते
जो पड़ गयीं हैं अब सूनी
ये बादलों के नीचे मैं बैठा सोचता हूँ
कि ये आते कहाँ से हैं, जाते कहाँ पे हैं
उठकर अब इन बादलों के पीछे भागूं मैं
उठकर अब इन बादलों के पीछे भागूं मैं
उठकर अब इन बादलों के पीछे भागूं मैं
उठकर अब इन बादलों के पीछे भागूं मैं