Labyrinth (भूलभुलैया) Lyrics
- Genre:World Music/Folklore
- Year of Release:2024
Lyrics
मरुस्थल के दिल में जहाँ हवाएँ स्वतंत्र रूप से भटकती हैं
एक प्रतिध्वनियों का भूलभुलैया बसा है घर से दूर
हर कदम जो मैं उठाता हूँ हर मोड़ जो मैं देखता हूँ
एक गहरे रहस्य को उजागर करता है मेरे भीतर
मेरा दिल एक भूलभुलैया की तरह है बदलती रेत की दीवारों के साथ
हर कोना एक रहस्य रखता है जैसे मेरी हथेली की रेखाएँ
और मरुस्थल का हर कण अद्वितीय और अपरिभाषित
जैसे विचार और सपने जो मेरे मन में चलते हैं
सांझ की चुप्पी में जब तारे चमकने लगते हैं
मैं रास्तों में भटकता हूँ हर सपने का पीछा करता हूँ
कोई दो कदम समान नहीं हैं कोई दो छायाएँ मेल नहीं खातीं
इस भावनाओं के भूलभुलैया में हर आँसू मेरा है
मेरा दिल एक भूलभुलैया की तरह है बदलती रेत की दीवारों के साथ
हर कोना एक रहस्य रखता है जैसे मेरी हथेली की रेखाएँ
और मरुस्थल का हर कण अद्वितीय और अपरिभाषित
जैसे विचार और सपने जो मेरे मन में चलते हैं
ओह मरुस्थल की हवाएँ उड़ सकती हैं लेकिन वे रेखाओं को मिटा नहीं सकतीं
अकेलेपन में उकेरी गई कहानियाँ उन प्रेमों की जो मैंने पीछे छोड़ दिए
रात की हर फुसफुसाहट दिन की हर धड़कन
एक भूलभुलैया का हिस्सा है इस भटके हुए दिल में
मरुस्थल के दिल में जहाँ हवाएँ स्वतंत्र रूप से भटकती हैं
एक प्रतिध्वनियों का भूलभुलैया बसा है घर से दूर
हर कदम जो मैं उठाता हूँ हर मोड़ जो मैं देखता हूँ
एक गहरे रहस्य को उजागर करता है मेरे भीतर
मेरा दिल एक भूलभुलैया की तरह है बदलती रेत की दीवारों के साथ
हर कोना एक रहस्य रखता है जैसे मेरी हथेली की रेखाएँ
और मरुस्थल का हर कण अद्वितीय और अपरिभाषित
जैसे विचार और सपने जो मेरे मन में चलते हैं
सांझ की चुप्पी में जब तारे चमकने लगते हैं
मैं रास्तों में भटकता हूँ हर सपने का पीछा करता हूँ
कोई दो कदम समान नहीं हैं कोई दो छायाएँ मेल नहीं खातीं
इस भावनाओं के भूलभुलैया में हर आँसू मेरा है
मेरा दिल एक भूलभुलैया की तरह है बदलती रेत की दीवारों के साथ
हर कोना एक रहस्य रखता है जैसे मेरी हथेली की रेखाएँ
और मरुस्थल का हर कण अद्वितीय और अपरिभाषित
जैसे विचार और सपने जो मेरे मन में चलते हैं
ओह मरुस्थल की हवाएँ उड़ सकती हैं लेकिन वे रेखाओं को मिटा नहीं सकतीं
अकेलेपन में उकेरी गई कहानियाँ उन प्रेमों की जो मैंने पीछे छोड़ दिए
रात की हर फुसफुसाहट दिन की हर धड़कन
एक भूलभुलैया का हिस्सा है इस भटके हुए दिल में
मरुस्थल के दिल में जहाँ हवाएँ स्वतंत्र रूप से भटकती हैं
एक प्रतिध्वनियों का भूलभुलैया बसा है घर से दूर
हर कदम जो मैं उठाता हूँ हर मोड़ जो मैं देखता हूँ
एक गहरे रहस्य को उजागर करता है मेरे भीतर
मेरा दिल एक भूलभुलैया की तरह है बदलती रेत की दीवारों के साथ
हर कोना एक रहस्य रखता है जैसे मेरी हथेली की रेखाएँ
और मरुस्थल का हर कण अद्वितीय और अपरिभाषित
जैसे विचार और सपने जो मेरे मन में चलते हैं
सांझ की चुप्पी में जब तारे चमकने लगते हैं
मैं रास्तों में भटकता हूँ हर सपने का पीछा करता हूँ
कोई दो कदम समान नहीं हैं कोई दो छायाएँ मेल नहीं खातीं
इस भावनाओं के भूलभुलैया में हर आँसू मेरा है
मेरा दिल एक भूलभुलैया की तरह है बदलती रेत की दीवारों के साथ
हर कोना एक रहस्य रखता है जैसे मेरी हथेली की रेखाएँ
और मरुस्थल का हर कण अद्वितीय और अपरिभाषित
जैसे विचार और सपने जो मेरे मन में चलते हैं
ओह मरुस्थल की हवाएँ उड़ सकती हैं लेकिन वे रेखाओं को मिटा नहीं सकतीं
अकेलेपन में उकेरी गई कहानियाँ उन प्रेमों की जो मैंने पीछे छोड़ दिए
रात की हर फुसफुसाहट दिन की हर धड़कन
एक भूलभुलैया का हिस्सा है इस भटके हुए दिल में
मरुस्थल के दिल में जहाँ हवाएँ स्वतंत्र रूप से भटकती हैं
एक प्रतिध्वनियों का भूलभुलैया बसा है घर से दूर
हर कदम जो मैं उठाता हूँ हर मोड़ जो मैं देखता हूँ
एक गहरे रहस्य को उजागर करता है मेरे भीतर
मेरा दिल एक भूलभुलैया की तरह है बदलती रेत की दीवारों के साथ
हर कोना एक रहस्य रखता है जैसे मेरी हथेली की रेखाएँ
और मरुस्थल का हर कण अद्वितीय और अपरिभाषित
जैसे विचार और सपने जो मेरे मन में चलते हैं
सांझ की चुप्पी में जब तारे चमकने लगते हैं
मैं रास्तों में भटकता हूँ हर सपने का पीछा करता हूँ
कोई दो कदम समान नहीं हैं कोई दो छायाएँ मेल नहीं खातीं
इस भावनाओं के भूलभुलैया में हर आँसू मेरा है
मेरा दिल एक भूलभुलैया की तरह है बदलती रेत की दीवारों के साथ
हर कोना एक रहस्य रखता है जैसे मेरी हथेली की रेखाएँ
और मरुस्थल का हर कण अद्वितीय और अपरिभाषित
जैसे विचार और सपने जो मेरे मन में चलते हैं
ओह मरुस्थल की हवाएँ उड़ सकती हैं लेकिन वे रेखाओं को मिटा नहीं सकतीं
अकेलेपन में उकेरी गई कहानियाँ उन प्रेमों की जो मैंने पीछे छोड़ दिए
रात की हर फुसफुसाहट दिन की हर धड़कन
एक भूलभुलैया का हिस्सा है इस भटके हुए दिल में
मरुस्थल के दिल में जहाँ हवाएँ स्वतंत्र रूप से भटकती हैं
एक प्रतिध्वनियों का भूलभुलैया बसा है घर से दूर
हर कदम जो मैं उठाता हूँ हर मोड़ जो मैं देखता हूँ
एक गहरे रहस्य को उजागर करता है मेरे भीतर
मेरा दिल एक भूलभुलैया की तरह है बदलती रेत की दीवारों के साथ
हर कोना एक रहस्य रखता है जैसे मेरी हथेली की रेखाएँ
और मरुस्थल का हर कण अद्वितीय और अपरिभाषित
जैसे विचार और सपने जो मेरे मन में चलते हैं
सांझ की चुप्पी में जब तारे चमकने लगते हैं
मैं रास्तों में भटकता हूँ हर सपने का पीछा करता हूँ
कोई दो कदम समान नहीं हैं कोई दो छायाएँ मेल नहीं खातीं
इस भावनाओं के भूलभुलैया में हर आँसू मेरा है
मेरा दिल एक भूलभुलैया की तरह है बदलती रेत की दीवारों के साथ
हर कोना एक रहस्य रखता है जैसे मेरी हथेली की रेखाएँ
और मरुस्थल का हर कण अद्वितीय और अपरिभाषित
जैसे विचार और सपने जो मेरे मन में चलते हैं
ओह मरुस्थल की हवाएँ उड़ सकती हैं लेकिन वे रेखाओं को मिटा नहीं सकतीं
अकेलेपन में उकेरी गई कहानियाँ उन प्रेमों की जो मैंने पीछे छोड़ दिए
रात की हर फुसफुसाहट दिन की हर धड़कन
एक भूलभुलैया का हिस्सा है इस भटके हुए दिल में