
Arzoo Lyrics
- Genre:Acoustic
- Year of Release:2022
Lyrics
आरज़ू की शान में कहूँ ग़र तो ये
ख़ता की है शायद तुझे सोचते हुए
ये आरज़ू की शान में कहूँ ग़र तो ये
ख़ता की है शायद तुझे सोचते हुए
गुज़रते हुए लम्हों को आँखें देखती रहीं
सोयी ना ये रात भर और रोते हुए
गुज़रते हुए लम्हों को आँखें देखती रहीं
सोयी ना ये रात भर और रोते हुए
निशाँ तेरे अब भी दिल को छूते हैं यूँ
यादों की बारिश में जैसे भीगते हुए
आरज़ू की शान में कहूँ ग़र तो ये
ख़ता की है शायद तुझे सोचते हुए
ना है कोई रस्ता यहाँ ना मुसाफ़िर कोई
चलो दूर यहाँ से कहीं संभलते हुए
ना है कोई रस्ता यहाँ ना मुसाफ़िर कोई
चलो दूर यहाँ से कहीं संभलते हुए
भुलाऊँ तुझे कैसे या पुकार लूँ तुझे
बेधड़क बिना रुके या सिसकते हुए
आरज़ू की शान में कहूँ ग़र तो ये
ख़ता की है शायद तुझे सोचते हुए
ये आरज़ू की शान में कहूँ ग़र तो ये
ख़ता की है शायद तुझे सोचते हुए