Duur/Majbuur Lyrics
- Genre:Acoustic
- Year of Release:2022
Lyrics
तुम इस कदर हो गए हमसे दूर
कुछ ना रहा दोनों थे मजबूर
चाहा तुझको ही हमदम,तुझको पा ना सका
माँगा तुझको ही हरदम, मैं भुला ना सका
तुम इस कदर हो गए हमसे दूर
कुछ ना रहा दोनों थे मजबूर
सुबह की हर दुआ में तू ही शामिल रहा
गहरी तन्हाइयों ने नाम तेरा लिया
तुम इस कदर हो गए हमसे दूर
कुछ ना रहा दोनों थे मजबूर
शब-ए-फुरक़त की बातें दिल जलाती रही
तेरी और चला मैं तू दूर जाती रही
तुम इस कदर हो गए हमसे दूर
कुछ ना रहा दोनों थे मजबूर