Aaj ka din Lyrics
- Genre:Acoustic
- Year of Release:2022
Lyrics
आज का दिन, मैंने सोचा बहुत
और किया कुछ भी नहीं
आज का दिन भी गुज़रा यूँ ही
जैसे गुज़रा था कल का दिन
आज का दिन मैंने सोचा था
मैं ये करूंगा, मैं वो करूंगा
मैं यहाँ जाऊंगा, मैं वहाँ जाऊंगा
पर फिर मुझे नींद आ गई
आज का दिन, मैंने सोचा बहुत
और किया कुछ भी नहीं
आज का दिन भी गुज़रा यूँ ही
जैसे गुज़रा था कल का दिन
सुबह आँखें खुलीं, आया पहला ख़्याल
दुबक-दुबक के पीछे आए सवाल
इसी सैलाब में, बहता रहा यूँ ही
फिर अपने पंखे से मैंने की बातें कई
थक-हार के दिन गुज़र गया
शाम हो गई
रात हो गई
अधूरे रहे, मेरे काम सभी
आज का दिन भी गुज़रा यूँ ही
आज का दिन, मैंने सोचा बहुत
और किया कुछ भी नहीं
आज का दिन भी गुज़रा यूँ ही
जैसे गुज़रा था कल का दिन
शैतान का घर हो गया
बिस्तर से सोफ़े का सफ़र हो गया
काम रह गए सिरहाने मेरे
और मैं तकिया लगा के फिर सो गया
कल का दिन भी तो आएगा
सुबह से शाम
मैं ये करूंगा, मैं वो करूंगा
मैं यहाँ जाऊंगा, मैं वहाँ जाऊंगा
कुछ न कुछ तो कर ही लूंगा
क्योंकि आज का दिन, मैंने सोचा बहुत
और किया कुछ भी नहीं
आज का दिन इतना सोच लिया
कि कल के लिए कुछ बचा ही नहीं
आज का दिन मैंने सोचा बहुत
और किया कुछ भी नहीं
आज का दिन भी गुज़रा यूँ ही
जैसे गुज़रा था, कल का दिन