
Dwarkadhish Ke Vachan Lyrics
- Genre:Acoustic
- Year of Release:2024
Lyrics
धनुष नहीं उठाया न तलवार संभाली
फिर भी पूरे युद्ध की दिशा बदल डाली
कुरुक्षेत्र में अर्जुन को दिया सहारा
गीता का ज्ञान सुनाया सारा।
कृष्ण की माया कृष्ण की लीला
बिन हथियार के जीती महाभारत की पीड़ा
चक्र नहीं घुमाया फिर भी युद्ध कराया
धर्म का पाठ पढ़ाया अधर्म मिटाया।
भीष्म के तीरों से बाणों की बौछार
शरण में आए पांडव कृष्ण थे तैयार
धर्म के रास्ते पे अर्जुन को चलाया
सत्य के संग उन्होंने विजय दिलाया।
कृष्ण की माया कृष्ण की लीला
बिन हथियार के जीती महाभारत की पीड़ा
चक्र नहीं घुमाया फिर भी युद्ध कराया
धर्म का पाठ पढ़ाया अधर्म मिटाया।
शांतिदूत बनकर कौरवों से मिले
पर धृतराष्ट्र ने सच्चाई को छले
दुर्योधन को समझाया लाख बार
फिर भी धर्म का हुआ संहार।
कृष्ण की माया कृष्ण की लीला
बिन हथियार के जीती महाभारत की पीड़ा
चक्र नहीं घुमाया फिर भी युद्ध कराया
धर्म का पाठ पढ़ाया अधर्म मिटाया।
अश्वत्थामा के छल को दिया उजागर
अर्जुन के रथ को बनाया अमर
कर दिया घटोत्कच का बलिदान महान
सबने देखा कृष्ण का बुद्धिमान विज्ञान।
कृष्ण की माया कृष्ण की लीला
बिन हथियार के जीती महाभारत की पीड़ा
चक्र नहीं घुमाया फिर भी युद्ध कराया
धर्म का पाठ पढ़ाया अधर्म मिटाया।
धनुर्धारी नहीं फिर भी रण के महारथी
गीता का संदेश दिया यही थी उनकी गति
सत्य-अहिंसा के संग दिया युगों को रास्ता
श्री कृष्ण के बिना अधूरा है महाभारत का ग्रंथ सारा।