Parwaah Lyrics
- Genre:Pop
- Year of Release:2024
Lyrics
यूं न समझो की हमें तुम्हारी परवाह नहीं
तुमसे मिलने की लेकिन अब कोई वजह नहीं
यूं न समझो की हमें तुम्हारी परवाह नहीं
तुमसे मिलने की लेकिन अब कोई वजह नहीं
दिल के गलियारों में, अब सन्नाटे ही चलते हैं,
मेरे दिन ओ रात, तन्हा ही चढ़ते - ढलते हैं,
उम्मीदों भरी राहों पर उदासियों का पहरा है
गुज़री इन रास्तों से, बरसों खुशियाँ नहीं
यूं न समझो की हमें तुम्हारी परवाह नहीं
तुमसे मिलने की लेकिन अब कोई वजह नहीं
वही नदी का किनारा, वही पीपल की छाँव,
तुम नहीं तो लगता है,जैसे ये वो जगह नहीं
खुशबुएँ भी फीकी हैं, यादें बेरंग हो चलीं
लाइलाज मर्ज़ की होती कोई दवा नहीं
यूं न समझो की हमें तुम्हारी परवाह नहीं
तुमसे मिलने की लेकिन अब कोई वजह नहीं
डूबता सा जाता हूँ, गहरे यादों के समंदर में
बहुत कोशिशों पर भी, मिलती अब सतह नहीं
यूं न समझो की हमें तुम्हारी परवाह नहीं
तुमसे मिलने की लेकिन अब कोई वजह नहीं
यूं न समझो की हमें तुम्हारी परवाह नहीं
तुमसे मिलने की लेकिन अब कोई वजह नहीं