Shree Durga Chalisa, Fastest Durga Chalisa, Durga Pooja, Durga Chalisa Lyrics
- Genre:Acoustic
- Year of Release:2024
Lyrics
या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमो नमः
नमो नमो दुर्गे सुख करनी
नमो नमो अंबे दुःख हरनी
निराकार है ज्योति तुम्हारी
तिहूं लोक फैली उजियारी
शशि ललाट मुख महा विशाला
नेत्र लाल भृकुटी विकराला
रूप मातुको अधिक सुहावे
दरश करत जन अति सुख पावे
तुम संसार शक्ति मय कीना
पालन हेतु अन्न धन दीना
अन्नपूरना हुई जग पाला
तुम ही आदि सुंदरी बाला
प्रलयकाल सब नासन हारी
तुम गौरी शिव शंकर प्यारी
शिव योगी तुम्हरे गुण गावैं
ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावै
रूप सरस्वती को तुम धारा
दे सुबुद्धि ऋषि मुनिन उबारा
धरा रूप नरसिंह को अम्बा
परगट भई फाड़कर खम्बा
रक्षा करि प्रहलाद बचायो
हिरणाकुश को स्वर्ग पठायो
लक्ष्मी रूप धरो जग माही
श्री नारायण अंग समाहीं
क्षीरसिंधु मे करत विलासा
दयासिंधु दीजै मन आसा
हिंगलाज मे तुम्हीं भवानी
महिमा अमित न जात बखानी
मातंगी धूमावति माता
भुवनेश्वरी बगला सुख दाता
श्री भैरव तारा जग तारिणी
क्षिन्न भाल भव दुःख निवारिणी
केहरि वाहन सोहे भवानी
लांगुर वीर चलत अगवानी
कर मे खप्पर खड्ग विराजै
जाको देख काल डर भाजै
सोहे अस्त्र और त्रिशूला
जाते उठत शत्रु हिय शूला
नगर कोटि मे तुमही विराजत
तिहुं लोक में डंका बाजत
शुंभ निशुंभ दानव तुम मारे
रक्तबीज शंखन संहारे
महिषासुर नृप अति अभिमानी
जेहि अधिभार मही अकुलानी
रूप कराल काली को धारा
सेन सहित तुम तिहि संहारा
परी गाढ़ संतन पर जब-जब
भई सहाय मात तुम तब-तब
अमरपुरी औरों सब लोका
जब महिमा सब रहे अशोका
ज्वाला में है ज्योति तुम्हारी
तुम्हे सदा पूजें नर नारी
प्रेम भक्त से जो जस गावैं
दुःख दारिद्र निकट नहिं आवै
ध्यावें जो नर मन लाई
जन्म मरण ताको छुटि जाई
जोगी सुर मुनि कहत पुकारी
योग नही बिन शक्ति तुम्हारी
शंकर आचारज तप कीन्हों
काम क्रोध जीति सब लीनों
निसदिन ध्यान धरो शंकर को
काहु काल नहिं सुमिरो तुमको
शक्ति रूप को मरम न पायो
शक्ति गई तब मन पछितायो
शरणागत हुई कीर्ति बखानी
जय जय जय जगदम्ब भवानी
भई प्रसन्न आदि जगदम्बा
दई शक्ति नहि कीन्ह विलंबा
मोको मातु कष्ट अति घेरों
तुम बिन कौन हरे दुःख मेरो
आशा तृष्णा निपट सतावै
रिपु मूरख मोहि अति डरपावै
शत्रु नाश कीजै महारानी
सुमिरौं एकचित तुम्हें भवानी
करो कृपा हे मातु दयाला
ऋद्धि-सिद्धि दे करहु निहाला
जब लगि जियौं दया फल पाऊं
तुम्हरौ जस मै सदा सुनाऊं
दुर्गा चालीसा जो नित गावै
सब सुख भोग परम पद पावै
देवीदास शरण निज जानी
करहु कृपा जगदम्ब भवानी
शरणागत रक्षा कर, भक्त रहे निःशंक
मैं आया तेरी शरण में, मातु लीजिए अंक