Likhta Reh Lyrics
- Genre:Hip Hop & Rap
- Year of Release:2024
Lyrics
लिखने वाले आतें रहेंगे यूंही मेरे बाद भी
आंखे खुली मैं रो लिया तमन्ना थी हज़रात की
आंखे मिची मन मोह लिया फितरत थी ये वारदात की
लिखने वाले आतें रहेंगे यूंही मेरे बाद भी
मेरे शहर में तू ये बता औकात क्या तेरी जात की
यहां डूबती गहराइयां मेरी कही हर बात की
एक शाक्स मैं एक शक्स तू बस झुठला दी मैंने सादगी
कोशिश है के लिखदूं ऐसा हो जाए कदर मेरी राख की
नाम मेरा चमके इतना के रोशन आंखे बाप की
लिखता रह लिखता रह
शब्दों से लिपटा रह
जब तक नही मिलता अंजाम
दिखता रह दिखता रह
जनता को दिखता रह
जब तक नही मिलता मुकाम
लिखता रह लिखता रह
शब्दों से लिपटा रह
जब तक नही मिलता मुकाम
दिखता रह दिखता रह
जनता को दिखता रह
जब तक नही मिलता अंजाम
सीखता सीखाता रह
धुन भी कोई गाता रह
आजमाने दे जमाने को
और तू भी आजमाता रह
बना ले अपनी पहचान
उस से पहले तू खुद को पहचान
लिख के पहुचा दे पैगाम
ऊंची रहे तेरी सब से शान
मुसीबत मे ना होना परेशान
महसूस तूने किया तू इंसान
यहाँ जिस्म हजारों बेजान
हर चुभी हुई बात को सलाम
लिखता रह सुबह और शाम
लिखता रह तू सुबह और शाम
लिखता रह लिखता रह
शब्दों से लिपटा रह
जब तक नही मिलता अंजाम
दिखता रह दिखता रह
जनता को दिखता रह
जब तक नही मिलता मुकाम
Yeah
लिखने वालो का दिमाग सबसे तेज होता है
लिखावट पे सवाल हर दिन ही पेश होता है
मैं लिख देता हूं सब कुछ क्युकी ठेस पहुंचा है
बुरा लगे या भला लगे मुझे ना खेद होता है
लिखाड़ी और अनाड़ी में एक भेद होता है
तुम्हे बुरी लगी बात तो संदेश पहुंचा है
लिखा लिखाया कितना हर रोज erase होता है
पैसा खुद ही खुद में खुद से chase होता है
यहां टूटता हर शक्श वो बस एक phase होता है
ये दुनिया है बिकाऊ रिश्ता purchase होता है