OM SMRATI Lyrics
- Genre:World Music/Folklore
- Year of Release:2023
Lyrics
ओम ओम ओम ओम
सत्य प्रकाश सर्वत्र सर्वज्ञ
अलौकिक निर्गुण सृष्टि के करता
नित्य उपासक मेरे अधिपति
कभी ना करना तुम मुझे विस्मृति
ओम ओम ओम ओम
ओम ओम ओम ओम
न्याय के अंगार पर
बुद्धि के आधार पर
लोक समाज के उत्तम पथ पर
मेरा पथ प्रदर्शक बनना
न्याय के अंगार पर
बुद्धि के आधार पर
लोक समाज के उत्तम पथ पर
मेरा पथ प्रदर्शक बनना
ओम ओम ओम ओम
वीरोचित मुझमें आभा भरना
कभी ना मुझको विस्मृति करना
वीरोचित मुझमें आभा भरना
कभी ना मुझको विस्मृति करना
ओम ओम ओम ओम
ओम ओम ओम ओम
दुर्गम पथ या शत्रु प्रबल हो
शक्ति प्रदान कर हमें विजय करना
रूप रागिनी दुर्व्यसनों से
आडंबर से, पाखंडों से
आचरण वीरोचित शुद्ध है रखना
हमें ना तुमको विस्मृति करना
ओम ओम ओम ओम