Awaaz Lyrics
- Genre:Hip Hop & Rap
- Year of Release:2023
Lyrics
आने लगी आवाज अलग-अलग दिशाओं से
कहती है आगे बढ़ो बातें करो हवाओं से
रुकना नहीं कभी सीखो नदियों की धाराओं से
अंदर से मजबूत होना जानों तुम बाधाओं से
हर पल रिदम में है हर पल को मैं लिखूंगा
अपनी सोच से कहता हूं हर आईने में दिखूंगा
तुम सुनते रहो मुझे हर लाइनों में मिलूंगा
मैं किसी का खास नहीं हां शुद्ध ही बोलूंगा
खुली हवा में रहता हूं खुली बात कहता हूं
घुमा फिरा के नहीं हां सीधा-सीधा बकता हूं
मेहनत के रंग में मैं पूरा ही तो लिपटा हूं
कभी-कभी इन रातों में मैं थोड़ा-थोड़ा सिमटा हूं
छोड़ दिया मारकाट सीने से लहू बहता था
घर का बड़ा बेटा किसी कोने में रहता था
मकसद नहीं था वो रोता ही रहता था
जब से खुद को जाना वो हंसते नहीं थकता है
हंसते नहीं थकता कदम आगे को रहता
मिलजुल के हर नीव वो रखते ही बढ़ता
आंधी तूफान से लड़ते ही रहता
ऊंचे पहाड़ गिरते पत्थरों को सहता
अधूरी कहानी से दूर ही रहता
हंसते नहीं थकता वो हंसते नहीं थकता
हंसते नहीं थकता वो हंसते नहीं थकता
आंधी तूफान से लड़ते ही रहता
क्या बताऊं कैसा महसूस कर रहा हूं
धड़कन तेज हो रही है सब महसूस कर रहा हूं
गुनगुना रहा हूं तुम्हें याद कर रहा हूं
हो रही है मेहनत ना ही मैं थक रहा हूं
लेकिन ऐसा भी नहीं कि हर जंग जीत रहा हूं
धंस के मिट्टी में मैं फिर से उठ रहा हूं
पैरों की जंजीरों से खुल गया हूं
मेहनत के रंग में मैं रंग गया हूं
मुस्कुरा के आगे को मैं बढ़ गया हूं
थक गया हूं सुनते सुनते लोगों की परेशानियां
सर पे चढ़े आलस की नई नई कहानियां
अकड़ गई है गिर के मुलायम ये पत्तियां
रोशनी को आंकूं या जलाऊं मैं बतिया
अंकुश लगा दूं उखाड़ के हटा दूं
जो भी रोकतीं है मुझे आगे बढ़ने से
अंकित करूं हर कणं को या
मुट्ठी में रेत लेकर हर जगह फैला दूं
हर बीज की ये खासियत अंकुरना है उसे
क्यों ना अच्छे बीजों को हर कणों में मिला दूं
देखभाल करूं बड़ा पेड़ बना दूं
जीवन को मैं परोपकार बना दूं
हर बार की तरह अंधेरे से आगे रोशनी की ओर
बरसना है मुझे सुखी वादियों की ओर
और मिट्टी बचाओ इस मुहिम की ओर