
Ghar Ke Neeche Kahin ft. Sanket Goswami Lyrics
- Genre:Pop
- Year of Release:2023
Lyrics
घर के नीचे कहीं
दिल ये खिंचे वहीं
जिस जगह तू रहे हर पहर
तू आदत सा लगे
दिल रातों में जगे
दिन से कैसे हुआ दोपहर?
बस तेरे नाम पर,
ना घर ना काम पर
बेचैनी से घिरा
कुछ तो एहसान कर
जाते हो ऐसे क्यूँ?
दिल मेरा लेके तुम
सबकुछ थम जाता है
पल भर जो देखे तू
सबकुछ थम जाता है
पल भर जो देखे तू
घर के नीचे कहीं
दिल ये खींचे वही
जिस जगह तू रहे हर पहर
तू आदत सा लगे
दिल रातों में जगे
दिन से कैसे हुआ दोपहर?
इंतजार तेरे आने का
जैसे सदियों से कर रहा था
इंतजार तेरे आने का
जैसे सदियों से कर रहा था
मन ये बावला सा
तेरे आस पास है
मिलता कितनों से
पर तू कुछ खास है
अब तू ये देखले
क्या तेरा फैसला
मेरा दिल बेचैनी से
तेरे पीछे ही चला
अब तू ये देखले
क्या तेरा फैसला
मेरा दिल बेचैनी से
तेरे पीछे ही चला
बस तू इतना बोलदे
तेरे मन की डोर रे
मुझे खींचे तेरी ओर
मेरा मन क्यूँ ना रुके
घर के नीचे कहीं
दिल ये खिचे वहीं
जिस जगह तू रहे हर पहर
तू आदत सा लगे
दिल रातों में जगे
दिन से कैसे हुआ दोपहर?
घर के नीचे कहीं
दिल ये खिचे वहीं
जिस जगह तू रहे हर पहर
तू आदत सा लगे
दिल रातों में जगे
दिन से कैसे हुआ दोपहर?