Pareshan ft. Mr.Khan Lyrics
- Genre:Hip Hop & Rap
- Year of Release:2022
Lyrics
हा मै मेरी आदतों से परेशान
इरादों से नही जज्बातो से परेशान
की जिंदगी के उस मोड़ पे में आ खड़ा
यादो से नही कुछ बातो से परेशान
परेशान हु में इस तलक
मै बेसबर हु बेखुदी से इस कदर में बेख़बर
हैरान हु में हरकतों से
इन दडकनो से नही, हसरतो से परेशान
ये रस्मे सारि कागज़ी फिर
मुश्ताक़ क्यों मै, हर घड़ी हु हर किसीसे मुतसिर
ढली सांझ तबसे कमरा खाली
इस गुफ्तगू से नही, सन्नाटे से परेशान
उतारा चेहरा तेरा हर ग़ज़ल के हर्फ़ पे
इज़हार ही नही, तो हो सके तो ज़ख्म दे
तराशा नाम तेरा मेरी हर एक नज़्म पे
मशहूर तेरा नाम, अब तो शायरी के नाम पे
तारीफे कम मेरी गिन कमी निनान्वे
वो कहती रहती कभी खुद पे भी तो ध्यान दे
तू जानेदे ये जान लेती उस वख्त
तरस गए थे हम भी देखने को तेरी एक झलक
फलक को ताका जब भी, बदलो की साज़िश थी
हवाओ में घुली तेरी ही शिकायत थी
खयाल रख्खा तूने मेरे हर एक मरहम का
सुरूर से ज्यादा तू ही एक जरूरत थी
माना मै नशे में...
नशे में हु तो ये साली जिंदगी रंगीन है
नशा उतरा जहन से
इंसान दिखते नही जिंदा-लाशें चलती फिरती है
फिक्र नही है कल की, जीने की है आबरू
गिर चुका हु नज़रो से,कहने से अब क्या डरु
महफिले से भागा, पूछे गददारी की वजह क्या
मैं छुपा के कसमे तेरी, बस एक यही जवाब दु
हा मै मेरी आदतों से परेशान
इरादों से नही जज्बातो से परेशान
की जिंदगी के उस मोड़ पे में आ खड़ा
यादो से नही कुछ बातो से परेशान
परेशान हु में इस तलक
मै बेसबर हु बेखुदी से इस कदर में बेख़बर
बदनाम हु में काफिलों में
सख्सियत से नही, नजरिये से परेशान